मेला खत्म तो फिर यह काम कब होगा शुरू

6 माह में पूरा करना था काम, 5 माह में दीवार-फुटपाथ ही बन सके, नगर निगम की लेतलाली, कार्तिक मेला ग्राउंड पर बंद हुआ निर्माण, खटाई में पड़ा प्रोजेक्ट

उज्जैन. नगर निगम का कार्तिक मेला ग्राउंड विकास कार्य भी धीमी चाल का शिकार हो गया है। मेला खत्म होने के बाद से ही प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू नहीं हो पाया है। लेतलाली के हाल यह है कि निगम को जो प्रोजेक्ट ६ महीने में पूरा करवाना था, पांच महीने बाद उसमें 20 फीसदी ही निर्माण हो पाया है।

निगम ने करीब पांच करोड़ रुपए की लागत से कार्तिक मेला ग्राउंड के विकास कार्य की योजना बनाई है। इसमें मैदान की बाउंड्रीवॉल, फुटपाथ के साथ ही स्थायी मंच, पाथ-वे, द्वार आदि कार्य होना है। निगम ने देवास की एजेंसी को जुलाई 2019 में कार्यादेश जारी कर 6 महीने में प्रोजेक्ट पूरा करने लक्ष्य दिया था। अनुबंध अनुसार जनवरी 2020 में प्रोजेक्ट पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक यहां सिर्फ बाउंड्रीवॉल और फुटपाथ का निर्माण ही पूरा हो सका है। एेसे में करीब 80 फीसदी कार्य अभी भी बचा है। सूत्रों के अनुसार अगले कार्य के लिए ले-आ आउट नहीं मिलने और पूर्व का भुगतान नहीं होने के चलते ठेकेदार ने निर्माण से हाथ खींच लिए हैं। इसके चलते मेला खत्म होने के बाद भी निगम मेला ग्राउंड पर निर्माण शुरू नहीं करवा पाया है। बता दें, यह निगम का इकलौता प्रोजेक्ट नहीं है, जो जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते उलझा है। बुधवारिया हाट, दूध तलाई कॉम्प्लेक्स आदि कई प्राजेक्ट हैं, जो डेडलाइन खत्म होने के महीनों बाद भी पूरे नहीं हो सके हैं या शुरू हीं नहीं हो पाए हैं।

 

पहले बारिश फिर मेले का बहाना

कार्तिक मेला ग्राउंड विकास का प्रोजेक्ट शुरुआत से ही कमजारे प्रबंधन का शिकार हुआ है। पहले प्रोजेक्ट पर आपत्तियों के चलते यह उलझा। इसके बाद निर्माण एजेंसी तय हुई तो निर्माण शुरू करने में देरी की गई। बाद में बारिश का हवाला देकर और फिर मेला शुरू होने के कारण प्रोजेक्ट की चाल प्रभावित हुई। अब जब मेला खत्म हुए कई दिन बीत चुके हैं, तब भी निर्माण शुरू नहीं हो पाया है।

 

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